The Hidden Dangers of Refined Oil: परिष्कृत तेल के छिपे खतरे

 परिष्कृत तेल: प्रसंस्करण, उपयोग, दुष्प्रभाव और विकल्प | Refined Oil: Processing, Uses, Side Effects, and Alternatives

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परिष्कृत तेल, जिसे हम अपने रोज़मर्रा के खाने में इस्तेमाल करते हैं, अक्सर स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। यह तेल अलग-अलग प्रक्रिया से गुज़रकर हमारे किचन तक पहुँचता है, और यह जानना ज़रूरी है कि इसका उपयोग करने से हमें क्या नुकसान हो सकते हैं और इसके विकल्प क्या हो सकते हैं।

How is Refined Oil Made? (परिष्कृत तेल कैसे बनाया जाता है?)

परिष्कृत तेल का निर्माण एक जटिल प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है, जिसमें कच्चे तेल को कई चरणों में शुद्ध किया जाता है। इस प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण होते हैं:

Extraction (निष्कर्षण): सबसे पहले, तिलहन जैसे सूरजमुखी, सोयाबीन, मूंगफली, या सरसों के बीजों से कच्चे तेल को निकाला जाता है। इसे सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन या प्रेसिंग प्रक्रिया द्वारा किया जाता है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन में हेक्सेन जैसे रसायनों का उपयोग किया जाता है ताकि बीजों से अधिकतम तेल निकाला जा सके।

Degumming (डिगमिंग): कच्चे तेल में गोंद जैसे पदार्थ होते हैं जिन्हें हटाने की आवश्यकता होती है। इसके लिए फॉस्फोलिपिड्स को निकालने के लिए तेल को पानी या एसिड के साथ मिलाया जाता है। यह चरण तेल को अधिक शुद्ध बनाता है और इसे स्टोर करने की अवधि को बढ़ाता है।

Neutralization (न्यूट्रलाइजेशन): कच्चे तेल में फ्री फैटी एसिड्स (FFAs) होते हैं, जो तेल को अम्लीय और खराब स्वाद वाला बना सकते हैं। इन्हें हटाने के लिए तेल को कास्टिक सोडा (सोडियम हाइड्रॉक्साइड) के साथ मिलाया जाता है। इस प्रक्रिया से फ्री फैटी एसिड्स साबुन में बदल जाते हैं, जिसे बाद में तेल से अलग कर दिया जाता है।

Bleaching (ब्लिचिंग): इस चरण में तेल से अनावश्यक रंग, गंध, और अशुद्धियों को हटाया जाता है। तेल को विशेष मिट्टी या चारकोल से गुजारा जाता है, जो अवांछित रंग और गंध को सोख लेता है। यह प्रक्रिया तेल को साफ और पारदर्शी बनाती है।

Deodorization (डिओडराइजेशन): इस प्रक्रिया में तेल को उच्च तापमान (लगभग 200°C) पर गर्म किया जाता है और इसे भाप के साथ ट्रीट किया जाता है। इससे तेल की गंध और स्वाद को हटाया जाता है, ताकि तेल पूरी तरह से बे-गंध और बे-स्वाद हो जाए। इस दौरान तेल के कई पोषक तत्व, जैसे कि विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट्स, नष्ट हो जाते हैं।

Winterization (विंटराइजेशन): कुछ तेलों को इस प्रक्रिया से गुज़ारा जाता है ताकि वे ठंडे मौसम में जमने न लगें। इसके लिए तेल को ठंडे तापमान पर रखा जाता है और ठोस वसा को हटाया जाता है। इससे तेल का जमाव कम होता है और यह अधिक समय तक तरल रहता है।

इस पूरी प्रक्रिया में रासायनिक और भौतिक शोधन शामिल होते हैं, जिससे तेल के पोषक तत्वों की मात्रा कम हो जाती है, और इसमें कृत्रिम रूप से स्थिरता, रंग और स्वाद जोड़े जाते हैं।

Where is Refined Oil Used? (परिष्कृत तेल कहाँ उपयोग होता है?)

परिष्कृत तेल का उपयोग व्यापक रूप से किया जाता है:

Cooking (खाना पकाने में): यह तेल फ्राई करने, बेक करने और अन्य खाद्य पदार्थों को पकाने में इस्तेमाल होता है।

Processed Foods (प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में): बिस्किट, स्नैक्स, और पैकेज्ड फूड आइटम में इस तेल का उपयोग किया जाता है।

Restaurants (रेस्टोरेंट्स में): फास्ट फूड और अन्य तले हुए व्यंजनों में भी परिष्कृत तेल का उपयोग आम है।

Side Effects of Refined Oil (परिष्कृत तेल के दुष्प्रभाव)

Heart Disease (हृदय रोग): परिष्कृत तेल में ट्रांस फैट्स होते हैं, जो हृदय रोग का खतरा बढ़ाते हैं।

Obesity (मोटापा): इस तेल में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है, जिससे वजन बढ़ने का खतरा रहता है।

Nutrient Loss (पोषक तत्वों की कमी): शुद्धिकरण प्रक्रिया में इसमें से विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स खत्म हो जाते हैं।

Digestive Issues (पाचन संबंधी समस्याएँ): बार-बार तला हुआ खाना खाने से पाचन क्रिया पर बुरा असर पड़ सकता है।

Risk of Diabetes (मधुमेह का खतरा): उच्च कैलोरी और अस्वास्थ्यकर फैट्स के कारण डायबिटीज का खतरा भी बढ़ जाता है।

Alternatives to Refined Oil (परिष्कृत तेल के विकल्प)

हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहतर विकल्प उपलब्ध हैं, जो अधिक प्राकृतिक और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इनमें शामिल हैं:

Ghee (घी): यह एक प्राचीन और स्वास्थ्यप्रद विकल्प है, जिसमें अच्छे फैट्स और विटामिन्स होते हैं।

Coconut Oil (नारियल तेल): इसे पकाने और तले हुए खाने के लिए उपयोग किया जा सकता है। इसमें मध्यम-श्रृंखला फैटी एसिड्स होते हैं, जो आसानी से पचते हैं।

Mustard Oil (सरसों का तेल): यह भी एक अच्छा और परंपरागत विकल्प है, जो हृदय के लिए फायदेमंद है।

Olive Oil (जैतून का तेल): सलाद और हल्के पकाने के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है, क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स और मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स होते हैं।

Sesame Oil (तिल का तेल): इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन ई की अच्छी मात्रा होती है, जो त्वचा और बालों के लिए भी लाभकारी है।

Conclusion (निष्कर्ष)

परिष्कृत तेल का अधिक उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके बजाय, हमें प्राकृतिक तेलों का चुनाव करना चाहिए, जो हमारी सेहत को बेहतर बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। स्वस्थ विकल्पों को अपनाकर हम न सिर्फ अपनी सेहत को सुरक्षित रख सकते हैं बल्कि अपने भोजन में भी गुणों की वृद्धि कर सकते हैं।

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